नानकजी एक अच्छे सूफी कवि भी थे, उनकी भाषा 'बहता नीर' थी । नानकजी एक अच्छे सूफी कवि भी थे, उनकी भाषा 'बहता नीर' थी ।
जिस आंगन में बंदर भी नाचने से कतराता हो और मदारी नचाने से ! जिस आंगन में बंदर भी नाचने से कतराता हो और मदारी नचाने से !
पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को अपनी आदतें बदलनी होगी। पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को अपनी आदतें बदलनी होगी।
उसके स्वयं के प्रयत्नों से अन्य को जीवन सुलभ करने में सहायक होती है।" उसके स्वयं के प्रयत्नों से अन्य को जीवन सुलभ करने में सहायक होती है।"
आदि उत्कर्ष अंत की प्रक्रिया परम्परा प्रतिस्पर्धा के जीवन का युग ब्रह्मांड। आदि उत्कर्ष अंत की प्रक्रिया परम्परा प्रतिस्पर्धा के जीवन का युग ब्रह्मांड।
सिर झुका कर बर्तन नहींं साफ करेगी मेरी अम्मी बल्कि सिर उठा कर जीयेगी।" सिर झुका कर बर्तन नहींं साफ करेगी मेरी अम्मी बल्कि सिर उठा कर जीयेगी।"